'कतई जहर' रोमांस, पर जुदाई की 'तड़प' नहीं
- डायरेक्शन: मिलन लूथरिया
- स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: रजत अरोड़ा
- म्यूजिक: प्रीतम
- लिरिसिस्ट: इरशाद कामिल
- जॉनर: रोमांटिक एक्शन ड्रामा
- एडिटिंग: राजेश जी. पांडे
- सिनेमैटोग्राफी: रगुल धरुमन
- बैकग्राउंड स्कोर: जॉन स्टीवर्ट एडुरी
- स्टार कास्ट: अहान शेट्टी, तारा सुतारिया, सौरभ शुक्ला, कुमुद मिश्रा, सुमित गुलाटी, राजेश खेरा, सौरव चक्रवर्ती
- रनिंग टाइम: 129 मिनट
फिल्म 'तड़प' से अभिनेता सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी ने एक्टिंग डेब्यू किया है। यह तेलुगु मूवी 'आरएक्स 100' का रीमेक है, जो रियल इंसिडेंट पर बेस्ड थी। 'आरएक्स 100'(2018) के टॉक्सिक रोमांस में जो इंटेंसिटी थी, उसका लेवल 'तड़प' में थोड़ा कम महसूस होता है। अहान ने इंटेंस कैरेक्टर अदा करने की कोशिश की है, हालांकि उनकी संवाद अदायगी में फाइन ट्यूनिंग की गुंजाइश है। लेखन में कसावट की कमी के कारण इस प्रेम कहानी का जुनून दर्शकों के इमोशंस को झकझोर पाने में विफल रहता है।
प्यार में टि्वस्ट
मसूरी में रहने वाला ईशाना (अहान शेट्टी) गुस्सैल स्वभाव का है और नशे में डूबा रहता है। वह स्थानीय विधायक दामोदर नौटियाल को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ता। कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां तीन साल पहले ईशाना की मुलाकात दामोदर की लंदन-रिटर्न बेटी रमीसा (तारा सुतारिया) से होती है। दोनों साथ में क्वालिटी टाइम स्पेंड करने लगते हैं। उनका प्यार शादी के मंडप तक पहुंचे, इससे पहले ही कहानी में एक ट्विस्ट आता है।
पटकथा में झोल, डायरेक्शन है 'लोल'
मिलन लूथरिया का डायरेक्शन लचर है। मूवी में जिस इंटेंसिटी की दरकार थी, उसका असर क्रिएट करने में वह चूक गए। पटकथा में झोल हैं, जिससे बोझिल लगती है। मेलोड्रामैटिक ट्रीटमेंट के कारण दर्शक न तो प्रेम रस में डूबते हैं, न ही विरह की वेदना महसूस कर पाते हैं। फिल्म का प्लॉट और कहानी एक समय के बाद फंसी और थकी हुई लगने लगती है। गीत-संगीत अच्छा है। एक-दो गाने ऐसे हैं, जो नायक के दर्द को बयां करते हैं। लोकेशंस आकर्षक हैं। मसूरी की खूबसूरती को दिखाने में सिनेमैटोग्राफी का कमाल है।
अहान का 'जहान' अभी दूर है
पहली मूवी के लिहाज से अहान शेट्टी की परफॉर्मेंस ठीक-ठाक है। हालांकि अभी उन्हें खुद को एक्टिंग में तराशना है। रोमांस और एक्शन फ्लेवर की यह फिल्म उनको एक अच्छा प्लेटफॉर्म देने की कोशिश है। तारा सुतारिया क्यूट व ब्यूटीफुल लगी हैं पर भूमिका की डिमांड के मुताबिक कुटिलता नहीं ला सकीं। अहान और तारा की कैमिस्ट्री इतनी बेहतर नजर नहीं आई। सौरभ शुक्ला और कुमुद मिश्रा का अभिनय अच्छा है मगर दोनों के कैरेक्टर सलीके से नहीं लिखे गए। सुमित गुलाटी, राजेश खेरा और सौरव चक्रवर्ती ओके हैं। बहरहाल, अगर आपने 'आरएक्स 100' देखी है तो 'तड़प' एकदम फिजूल लगेगी। इसके इतर अहान शेट्टी की डेब्यू फिल्म के लिए आप देख सकते हैं।
रेटिंग: ★½
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