आरंभ से ही टॉर्चर करती है 'अंतिम'


  • डायरेक्शन: महेश मांजरेकर
  • म्यूजिक: हितेश मोदक, रवि बसरूर
  • स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: महेश मांजरेकर, अभिजीत देशपांडे, सिद्धार्थ साल्वी
  • एडिटिंग: बंटी नागी
  • सिनेमैटोग्राफी: करण बी. रावत
  • लिरिक्स: वैभव जोशी, रवि बसरूर, नितिन रायकवार
  • जॉनर: एक्शन क्राइम ड्रामा
  • एक्शन डायरेक्टर: विक्रम दहिया
  • स्टार कास्ट: सलमान खान, आयुष शर्मा, महिमा मकवाना, सचिन खेड़ेकर, सयाजी शिंदे, जीशु सेनगुप्ता निकितिन धीर, महेश मांजरेकर, उपेंद्र लिमये, शरद पोंकशे, वरुण धवन, वलूचा डिसूजा 
  • रनिंग टाइम: 142 मिनट

 'अंतिम: द फाइनल ट्रूथ' मराठी फिल्म 'मुळशी पैटर्न' का बॉलीवुड रीमेक है। यह फिल्म आयुष शर्मा के बॉलीवुड में 'खिलने' के लिए बनाई गई है। लिहाजा मूवी में ड्राइविंग सीट पर मौजूद आयुष को सपोर्ट देने के लिए 'बैक सीट' सलमान खान भी हैं। इसके बावजूद यह एंगेजिंग नहीं है। राइटिंग में कसावट का अभाव है तो एक्शन दृश्यों में स्वैग मिसिंग है। मनोरंजन के पैमाने पर परखें तो फिल्म काफी पिछड़ी हुई है। कुछ सीन छोड़ दें तो पूरी फिल्म आपके धैर्य की परीक्षा लेती है। 

किसान का बेटा बना 'भाई'

'अंतिम' की कहानी राहुल (आयुष शर्मा) के इर्द-गिर्द घूमती है। राहुल के किसान पिता से पुश्तैनी जमीन भू-माफिया ने कौड़ियों के दाम में हथिया ली है। ऐसे में वे परिवार के साथ पुणे आ जाते हैं और मार्केट यार्ड में हम्माल बन जाते हैं। यहां हफ्ता वसूल रहे कुछ बदमाशों से राहुल की मारपीट हो जाती है। पुलिस उसे पकड़ कर जेल में डाल देती है। यहां से राहुल को स्थानीय गुंडे नान्या भाई का साथ मिलता है। जेल से छूटने के बाद राहुल उसके लिए काम करने लगता है। जल्द ही वह पुणे का 'भाई' बन जाता है।

सब कुछ ढीला है

महेश मांजरेकर का निर्देशन साधारण है। हालांकि 'अंतिम' की पृष्ठभूमि से एक बार तो उनके द्वारा निर्देशित 'वास्तव' की याद आ जाती है, पर 'अंतिम' उस लेवल व इमोशंस को नहीं छूती। स्क्रीनप्ले क्रिस्प नहीं है। संवाद बेअसर हैं। ढीली एडिटिंग व बेदम म्यूजिक जायका और खराब कर देते हैं। लोकेशंस और सिनेमैटोग्राफी जरूर कुछ ठीक हैं।

सलमान ट्रेनर पर आयुष 'अनफिट'

आयुष शर्मा ने अपनी फिजिक पर काम जरूर किया है पर एक्सप्रेशंस और एक्टिंग पर अभी उन्हें बहुत मेहनत करनी है। सिख कॉप के रोल में सलमान खान ने संयम बरता है। हालांकि उनका कूल अंदाज और स्वैग ही फिल्म में कुछ देर के लिए सुखद एहसास देता है। डेब्यू एक्ट्रेस महिमा मकवाना ने कोशिश अच्छी की है, इसके बावजूद आयुष संग उनकी लव कैमिस्ट्री में ‘नमक’ मिसिंग है। आयुष के पिता के रोल में सचिन खेड़ेकर फिट हैं। सयाजी शिंदे, महेश मांजरेकर, जीशु सेनगुप्ता, निकितिन धीर, उपेन्द्र लिमये और अन्य सहयोगी कलाकारों ने ठीक-ठाक काम किया है। बहरहाल, अगर आप एंटरटेनमेंट के नाम पर टॉर्चर सहने की हिम्मत रखते हैं तो 'अंतिम' को प्राथमिकता दें। फाइनल ट्रूथ ये है कि 'मुळशी पैटर्न' की सस्ती और बिगड़ी हुई कॉपी है 'अंतिम'। 

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