'चंडीगढ़...' की 'वाणी' बना फ्रेश स्टोरी आइडिया, एंटरटेनमेंट का 'आयुष्मान'


  • डायरेक्शन: अभिषेक कपूर
  • स्टोरी: अभिषेक कपूर, सुप्रतीक सेन, तुषार परांजपे
  • स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: सुप्रतीक सेन, तुषार परांजपे
  • म्यूजिक-बैकग्राउंड स्कोर: सचिन-जिगर
  • जॉनर: रोमांटिक ड्रामा
  • एडिटिंग: चंदन अरोड़ा
  • सिनेमैटोग्राफी: मनोज लोबो
  • लिरिक्स: प्रिया सरैया, वायु, आईपी सिंह
  • स्टार कास्ट: आयुष्मान खुराना, वाणी कपूर, गौरव शर्मा, गौतम शर्मा, योगराज सिंह, अंजन श्रीवास्तव, अभिषेक बजाज, कंवलजीत सिंह, करिश्मा सिंह, गिरीश धमीजा, तान्या अबरोल, सावन रूपोवाली, सतवंत कौर 
  • रनिंग टाइम: 117 मिनट

रूढ़िवादी सोच के कारण आज भी कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर खुलकर बात करने से लोग कतराते हैं। एलजीबीटीक्यू भी इनमें से है। दबी जुबान से तो इसको लेकर खूब 'मजाक' बनाया जाता है पर जब बात एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी की पैरवी की आती है तो बगलें झांकने लगते हैं। खैर, फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' बॉलीवुड के कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर ट्रांस गर्ल की कहानी को 'न्यू नॉर्मल' के अंदाज में पर्दे पर पेश करती है। फिल्म न केवल एंटरटेन करती है बल्कि झकझोरती भी है। साथ ही यह संदेश देती है कि हर किसी को रूढ़िवाद की बंदिशों से आजाद होकर 'जिंदगी जीने' का हक है इसलिए समाज के लोगों को भी अपना रवैया बदलना होगा। 

एक सच से राहें जुदा

कहानी में बॉडी बिल्डर मनविंदर मुंजाल उर्फ मनु (आयुष्मान खुराना) जिम संचालक है और चंडीगढ़ का 'गबरू' बनने की तैयारी कर रहा है। फिटनेस फ्रीक मनु दिन भर जिम में वर्कआउट करता रहता है। उसके अच्छे डोले-शोले भी हैं। उसका सपना स्थानीय कॉम्पीटिशन जीतना है, जिसमें वह लगातार दो साल से हार रहा है। इस बीच उसके जिम में बतौर जुम्बा इंस्ट्रक्टर मानवी बरार (वाणी कपूर) जॉइन करती है। इधर जिम में क्लाइंट बढ़ने लगते हैं, उधर मनु और मानवी 'दो जिस्म एक जान' बन जाते हैं। दोनों की नजदीकियों के बीच मानवी अपना ऐसा सच बताती है, जिसे सुनकर मनु के होश उड़ जाते हैं। उनकी जिंदगी में आए इस भूचाल से दोनों की राहें जुदा हो जाती हैं।

निर्देशक ने सूझबूझ से किया कनेक्ट

सिमरन साहनी का स्टोरी आइडिया वाकई साहसिक है। निर्देशक अभिषेक कपूर ने 'आउट ऑफ द बॉक्स' आइडिया को बेहद सूझबूझ से हल्के-फुल्के ह्यूमर और रोमांस के साथ पिरोकर प्रजेंट किया है। उन्होंने विषय की कड़वी सच्चाई को संवेदनशीलता और परिपक्वता के साथ प्रस्तुत किया है। टाइट स्क्रीनप्ले फिल्म से कनेक्शन जोड़े रखता है। किरदार इस तरह के हैं, जो सीधे कनेक्ट करते हैं। संवाद अच्छे और संपादन चुस्त है। गीत-संगीत कहानी की 'ताल' बरकरार रखते हैं। फिल्म में चंडीगढ़ का कल्चर और एटीट्यूड देखने को मिलता है। फिल्म में लस्सी, मस्ती और खुली जीप के साथ लाउडनेस रंग वाकई  में फिल्म के मिजाज से मेल खाते हैं। सिनेमैटोग्राफी मनोरम है।

वाणी की परफॉर्मेंस ने चौंकाया

आयुष्मान खुराना अपनी परफॉर्मेंस और फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन से प्रभावित करते हैं। उन्होंने किरदार के एटीट्यूड को अच्छे से पकड़ा है। वाणी कपूर ने फिल्म में सरप्राइज किया है। उन्होंने ट्रांस गर्ल के चैलेंजिंग रोल को खूबसूरती के साथ पर्दे पर जीया है। इमोशनल सीन में उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई है। आयुष्मान और वाणी की कैमिस्ट्री भी अट्रैक्टिव है। आयुष्मान के साइडकिक्स और जिम के पार्टनर के किरदार में गौरव शर्मा व गौतम शर्मा ने दिल जीता है। अंजन श्रीवास्‍तव, कंवलजीत सिंह, तान्‍या अबरोल, अभिषेक बजाज, गिरीश धमीजा, सावन रूपोवाली और अन्य कलाकारों का सपोर्ट अच्छा है। बहरहाल, फिल्म में बोल्ड व टैबू सब्जेक्ट को संवेदनशीलता और इमोशंस के साथ पेश किया है इसलिए 'चंडीगढ़...' से आशिकी करना तो बनता है।

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