एक्शन में 'पठान': फिर से महफिल लूटने की यही तो शुरुआत है...


  • स्टोरी-डायरेक्शन: सिद्धार्थ आनंद
  • स्क्रीनप्ले: श्रीधर राघवन
  • म्यूजिक: विशाल-शेखर
  • एडिटिंग: आरिफ शेख
  • सिनेमैटोग्राफी: सचित पॉलोस
  • डायलॉग्स: अब्बास टायरवाला
  • बैकग्राउंड म्यूजिक: संचित-अंकित बल्हारा
  • स्टार कास्ट: शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम, डिम्पल कपाड़िया, आशुतोष राणा, सलमान खान (कैमियो)
  • रन टाइम: 146 मिनट

'झूमे जो पठान मेरी जान, महफिल ही लुट जाए...'। वाकई 'पठान' (Pathaan) यानी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) का बड़े परदे पर एक्शन 'अवतार' महफिल लूट रहा है। शाहरुख की फिल्म 'पठान' हाई वोल्टेज एक्शन ड्रामा है। हाई ऑक्टेन एक्शन, ट्विस्ट्स, थ्रिल, टॉप क्वालिटी वीएफएक्स, देशभक्ति का फॉर्मूला, रोमांस और इमोशंस 'वाईआरएफ स्पाइ यूनिवर्स' की इस फिल्म को मास एंटरटेनर बनाते हैं। परदे पर शाहरुख की इंटेंसिटी और चार्म जबरदस्त है। हाई अड्रेनलिन चेज सीक्वेंस, खासकर चॉपर, कार, बर्फ पर बाइक और विंगसूट सीक्वेंस हैरान कर देने वाले हैं। 'टाइगर' यानी सलमान खान (Salman Khan) का पहाड़ियों से गुजरती ट्रेन पर कैमियो सीक्वेंस सीटीमार है। इस सीक्वेंस में पठान और टाइगर की जुगलबंदी किसी बूस्टर डोज से कम नहीं है। क्लाइमैक्स धांसू है तो डायलॉग्स में देशभक्ति की भावना का पुट है। मसलन, 'एक सोल्जर ये नहीं पूछता- देश ने उसके लिए क्या किया, पूछता है- वो देश के लिए क्या कर सकता है?'

सीधी और सरल कहानी देशभक्ति के फॉर्मूले से लबरेज है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया है। इस फैसले से पड़ोसी पाकिस्तान तिलमिला गया है। वह भारत को तहस-नहस करने के इरादे से टेरर ग्रुप 'आउटफिट एक्स' का सहारा लेता है, जो कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करता था। इस ग्रुप का लीडर जिम (जॉन अब्राहम) है, जो कभी रॉ का जांबाज और देशभक्त एजेंट था। लेकिन, उसे एक मिशन के दौरान कुछ ऐसा भावनात्मक 'जख्म' लगा, जिसके कारण वह देश से बगावत कर दुश्मनों से हाथ मिला चुका है। जिम के अंदर देश के लिए नफरत और प्रतिशोध की प्रबल ज्वाला धधक रही है। जिम रक्तबीज नामक वायरस का सौदा देश के दुश्मनों के साथ करना चाहता है और भारत को तबाह होते देखना चाहता है। भारत का काबिल फील्ड एजेंट पठान (शाहरुख खान) जब उसे रोकने के मिशन पर जाता है तो रुबाई (दीपिका पादुकोण) से उसकी मुलाकात होती है, जिसका इंट्रोडक्शन जिम आइएसआइ की एक्स अंडरकवर एजेंट के तौर पर कराता है। रुबाई के जरिए पठान को 'मिशन रक्तबीज' का पता चलता है। रुबाई पर भरोसा कर पठान, जिम के मंसूबों को विफल करने में जुट जाता है, लेकिन अहम मौके पर रुबाई रंग बदल लेती है...। 

स्टोरी में नयापन नहीं है, पर श्रीधर राघवन का स्क्रीनप्ले फास्ट पेस और परतदार है, जिससे ​फिल्म एंगेजिंग है। निर्देशक सिद्धार्थ आनंद (Siddharth Anand) अपनी स्पाइ थ्रिलर को ओवर द टॉप ट्रीटमेंट देते हैं। थोड़े-थोड़े अंतराल में स्टाइलिश एक्शन सीक्वेंस रखकर उन्होंने फिल्म को रफ्तार दी है। स्क्रिप्ट की कमियों को उन्होंने एक्शन सीक्वेंस से कवर कर दिया है। म्यूजिक शानदार है। सॉन्ग 'बेशरम रंग' और 'झूमे जो पठान' पहले ही ब्लॉकबस्टर साबित हो चुके हैं। बैकग्राउंड स्कोर रोमांच बढ़ाता है। लोकेशंस एग्जॉटिक हैं और सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है, जो फिल्म को भव्यता देती है। किरदारों के लुक और कॉस्ट्यूम पर खासी मेहनत की गई है।

एक्शन 'अवतार' में जबरदस्त स्वैग, चार्म और ह्यूमर के साथ शाहरुख खान की परफॉर्मेंस बेहतरीन है। ब्यूटीफुल और ग्लैमरस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) पूरे रुआब में पावरपैक्ड एक्शन करती दिखी हैं। उन्होंने रुबीना मोहसिन उर्फ रुबाई जैसी स्पाइ गर्ल की विभिन्न परतों को खूबी से जिया है। रुबाई हीरो और विलेन के बीच एक ऐसा सूत्र साबित होती है, जो विश्वास और विश्वासघात की पतली-सी थिन लाइन के बीच खड़ी है। जॉन अब्राहम (John Abraham) दमदार विलेन लगे हैं। उन्होंने फिर से 'धूम' मैजिक क्रिएट किया है। अपने लुक्स, पर्सनैलिटी, स्टाइल और एक्शन से वह इम्प्रेस करने में सफल रहे हैं। डिम्पल कपाड़िया और आशुतोष राणा एक्टिंग के अनुभवी खिला​ड़ी हैं। सपोर्टिंग कास्ट अच्छी है।

'पठान' की कहानी भले ही रूटीन है, लेकिन उसे प्रजेंट करने का तरीका फिल्म को मनोरंजक बनाता है। लिहाजा 'पठान' मसाला फिल्मों के पैमाने पर पूरी तरह से खरी उतरती है। 

जय हिंद!

रेटिंग: ★½