प्रेम त्रिकोण का फोर्थ एंगल 'दे दे प्यार दे'
- एडिटिंग-डायरेक्शन : अकिव अली
- राइटिंग : लव रंजन, तरुण जैन
- स्क्रीनप्ले : लव रंजन, तरुण जैन, सुरभि भटनागर
- म्यूजिक : अमाल मलिक, रोचक कोहली, तनिष्क बागची, गैरी संधू, विपिन पटवा, मंज मुसिक
- बैकग्राउंड स्कोर : हितेश सोनिक
- सिनेमैटोग्राफी : सुधीर के. चौधरी
- स्टार कास्ट : अजय देवगन, तब्बू, रकुल प्रीत सिंह, आलोक नाथ, कुमुद मिश्रा, इनायत, मधुमालती कपूर, भविन भानुशाली, राजवीर सिंह
- स्पेशल अपीयरेंस : जावेद जाफरी, जिमी शेरगिल, सनी सिंह
- रनिंग टाइम : 134.41 मिनट
अक्सर हमने बड़े-बुजुर्गों को यह कहते सुना है कि शौक पालो, लेकिन उससे पहले अपनी उम्र जरूर देख लो। कहीं ऐसा न हो कि 60 साल की उम्र में आप 18 वर्षीय युवा की तरह मस्ती करते फिर रहे हों। हालांकि प्यार के मामले में उम्र मायने नहीं रखती। प्यार न वक्त देखता है, न ही उम्र। हमारे आस-पास भी उम्र के मामले में बेमेल जोड़े दिख ही जाते हैं। ऐसे कपल उम्र की सीमा को लांघकर एक-दूसरे के प्यार में इस कदर डूबे होते हैं कि उनका प्यार युवा जोड़ों के लिए भी मिसाल बन जाता है। बॉलीवुड में रोमांटिक कपल में मेल-फीमेल की उम्र के अंतर को 'चीनी कम', 'निशब्द', 'दिल चाहता है' जैसी फिल्मों में भुनाया जा चुका है। अब इसी कॉन्सेप्ट को डेब्यू डायरेक्टर अकिव अली ने फिल्म 'दे दे प्यार दे' में प्रजेंट किया है। एज गैप के फॉर्मूला पर बेस्ड इस फिल्म में अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत सिंह का त्रिकोण है। कहानी में लिव-इन रिलेशनशिप का तड़का है तो सैपरेटेड कपल की मन:स्थिति भी दर्शाई गई है।
क्यों देखें : एज गैप रोमांस की कहानी 'दे दे प्यार दे' अपने कॉमिक पंच और भावुक दृश्यों से कभी हंसाती है तो कभी सिचुएशन को सीरियस भी कर देती है। बहरहाल, यह ऐसी फिल्म है, जिसे एकबारगी सिनेमाघर में जाकर देखना घाटे का सौदा नहीं है।
रेटिंग: ★★★
लंदन में शुरू होती है आशीष-आयशा की लव स्टोरी
कहानी में 50 साल का आशीष (अजय देवगन) लंबे समय से पत्नी मंजू (तब्बू) से अलग लंदन में रहता है। मंजू और उनके दोनों बच्चे इशिका व ईशान इंडिया में रहते हैं। आशीष एक दोस्त की बैचलर पार्टी थ्रो करता है। पार्टी में अजीबोगरीब अंदाज में आयशा(रकुल प्रीत सिंह) से मिलता है, जो कि 26 साल की बबली व फन लविंग गर्ल है। उस रोज आयशा ओवरड्रिंक होने के कारण नशे में आशीष के घर ही रुक जाती है। इसके बाद दोनों का मिलना-जुलना शुरू हो जाता है। दोनों लिव-इन में रहने लगते हैं। आयशा, आशीष से शादी के लिए कहती है, पर वह एज गैप के कारण थोड़ा सकुचाता है, लेकिन फिर वह राजी हो जाता है और आयशा को अपनी फैमिली से मिलाने इंडिया लेकर आता है। वहां उसे ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जो उसके लिए सरप्राइज होती हैं। फिर उतार-चढ़ाव के साथ कहानी आगे बढ़ती है।राइटिंग पर और फोकस करते तो बढ़ जाता मनोरंजन
लव रंजन बतौर निर्देशक 'प्यार का पंचनामा', 'प्यार का पंचनामा 2', 'सोनू के टीटू की स्वीटी' सरीखी न्यू एज कॉमेडी फिल्मों से युवा दर्शकों के फेवरिट बन गए हैं। 'दे दे प्यार दे' में उन्होंने प्रोडक्शन और राइटिंग का जिम्मा संभाला है। साधारण स्टोरी में उन्होंने एंटरटेनमेंट का तड़का लगाने की कोशिश की है। कुछ हद तक वह कामयाब हुए हैं तो कुछ कमियां भी रह गई हैं। लव ने तरुण जैन और सुरभि भटनागर के साथ स्क्रीनप्ले गढ़ा है, जो दिलचस्प तो है, लेकिन उसे और टाइट किया जा सकता था। अकिव का निर्देशन ठीक-ठाक है, लेकिन कई हिट फिल्मों के संपादन में कौशल दिखा चुके अकिव अपनी निर्देशित फिल्म में मोह नहीं छोड़ पाए। इस वजह से फिल्म का संपादन चुस्त नहीं है। फिल्म में कॉमिक पंच हैं तो डबल मीनिंग डायलॉग्स भी हैं, जिससे बार-बार बीप का साउंड सुनाई देता है।रकुल और तब्बू के बीच फंसे अजय, सिचुएशंस ने गुदगुदाया
अभिनय की बात करें तो अजय का काम ठीक है, लेकिन वह फिल्म में रकुल और तब्बू के बीच फंसे होने के कारण खुद को ज्यादा एक्सप्लोर नहीं कर पाए। कई दृश्यों में वह आंखों से ही संवाद करते नजर आए। रकुल की आत्म विश्वास से भरी एक्टिंग ने फिल्म में जान डाल दी। तब्बू के साथ उनकी तकरार के दृश्य अच्छे बन पड़े हैं। तब्बू एक्टिंग की पावरहाउस हैं और इस बार भी वह जबरदस्त रही हैं। दूसरे हाफ में तब्बू छाई रहती हैं। अपनी कॉमिक टाइमिंग और इमोशंस से दिल जीतने में सफल रहीं। जिमी शेरगिल छोटे से रोल में हैं। हालांकि उनका रोल अटपटा है, पर वह ह्यूमर क्रिएट करने में सक्सेस रहे हैं। जावेद जाफरी भी अपनी उपस्थिति से ध्यान बटोरते हैं। लव रंजन की फिल्म 'सोनू के टीटू की स्वीटी' के टीटू यानी अभिनेता सनी सिंह, आयशा के एक्स बॉयफ्रेंड के रूप में सरप्राइज देते हैं, वहीं एक सीन में अजय के 'सिंघम' अवतार का जिक्र होता है। सपोर्टिंग कास्ट आलोक नाथ, मधुमालती कपूर, इनायत सूद की परफॉर्मेंस सराहनीय है। म्यूजिक एवरेज है, वहीं लोकेशंस और सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है।क्यों देखें : एज गैप रोमांस की कहानी 'दे दे प्यार दे' अपने कॉमिक पंच और भावुक दृश्यों से कभी हंसाती है तो कभी सिचुएशन को सीरियस भी कर देती है। बहरहाल, यह ऐसी फिल्म है, जिसे एकबारगी सिनेमाघर में जाकर देखना घाटे का सौदा नहीं है।
रेटिंग: ★★★
2 Comments
It was a nice movie with good comic punches
ReplyDeleteFull of Entertainment.
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