अभिनय-इशकबाजी में बउआ सिंह हीरो, मगर कहानी निकली 'जीरो'
जब आप बड़े बजट की फिल्म बनाते हैं तो सिनेमा के हर पहलू पर खास फोकस रखने की जरूरत होती है। आनंद एल राय ने 'जीरो' में सब्जेक्ट तो अच्छा चुना है, पर उसे उतनी बेहतरी से एग्जीक्यूट नहीं कर पाए।
- डायरेक्शन : आनंद एल. राय
- राइटिंग : हिमांशु शर्मा
- म्यूजिक-बैकग्राउंड स्कोर : अजय-अतुल
- सिनेमैटोग्राफी : मनु आनंद
- एडिटिंग : हेमल कोठारी
- लिरिक्स : इरशाद कामिल
- स्टार कास्ट : शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, कैटरीना कैफ, मोहम्मद जीशान अयूब, तिग्मांशु धूलिया, शीबा चड्ढा, बृजेन्द्र काला, मालविका दुआ
- कैमियो एंड गेस्ट अपीयरेंस : सलमान खान, आर. माधवन, अभय देओल, श्रीदेवी, जूही चावला, काजोल, करिश्मा कपूर, रानी मुखर्जी, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, गणेश आचार्य, रेमो डिसूजा
- रनिंग टाइम : 164.15 मिनट
कम्प्लीट एंटरटेनर बनाने में चूक गए आनंद
'जीरो' का कमजोर पक्ष इसकी स्टोरी है, जो बिखरी हुई है। स्क्रीनप्ले विटी है मगर क्रिस्पी नहीं है। पहला हाफ मजेदार है, पर सैकंड हाफ में कहानी डगमगाने लगती है। डायलॉग्स में ह्यूमर है। 'तनु वेड्स मनु', 'रांझणा', 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' निर्देशित कर चुके आनंद ने 'जीरो' में कोशिश अच्छी की है, लेकिन कम्प्लीट एंटरटेनर बनाने में उनसे चूक हो गई। वीएफएक्स इम्प्रेसिव हैं। बउआ सिंह के रोल में शाहरुख की अदाकारी जबरदस्त है। वह अपनी इशकबाजी से जियरा में बस जाते हैं। उन्होंने कुछ अलग ट्राइ किया है, साथ ही रोमांस में अपना अंदाज पकड़े हुए हैं। अनुष्का ने चैलेंजिंग किरदार अच्छे से अदा किया है। कैटरीना कैफ इमोशनली कमजोर लड़की की भूमिका बढ़िया ढंग से निभा गई हैं। बउआ के दोस्त के रोल में जीशान जमे हैं। सपोर्टिंग कास्ट का काम ठीक-ठाक है। कैमियो में सलमान खान आकर्षित करते हैं। म्यूजिक ठीक है, पर एडिटिंग से फिल्म को टाइट किया जा सकता था। फिल्मांकन आकर्षक है।क्यों देखें : फिल्म एक व्यंजन की तरह होती है, जिसे बनाते समय किसी भी इन्ग्रीडिएंट्स में कमी रह जाए तो स्वाद में उतना मजा नहीं आता। 'जीरो' में स्टोरी में कमी रह गई। ऐसे में अगर आप शाहरुख खान के फैन हैं तो 'जीरो' देख सकते हैं।
रेटिंग: ★★½
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