रहस्य और रोमांच के जबरदस्त संतुलन के साथ कमाल का 'बदला'


  • अडेप्टेड स्क्रीनप्ले-डायरेक्शन : सुजॉय घोष
  • ओरिजिनल स्टोरी एंड स्क्रीनप्ले : ओरिओल पाउलो
  • डायलॉग्स : सुजॉय, राज वसंत
  • म्यूजिक : क्लिंटन सेरेजो, अनुपम रॉय, अमाल मलिक
  • सिनेमैटोग्राफी : अविक मुखोपाध्याय
  • एडिटिंग : मोनिशा आर. बल्दवा
  • स्टार कास्ट : अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, अमृता सिंह, टोनी ल्यूक, मानव कौल, डेंजिल स्मिथ, तनवीर घनी, एंटोनियो अकील
  • रनिंग टाइम : 120.22 मिनट
फिल्म 'पिंक' (2016) में पहली बार साथ में स्क्रीन शेयर करने वाले अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू के अभिनय की काफी सराहना हुई थी। इस फिल्म में अमिताभ कोर्ट में तापसी का मुकदमा लड़ते नजर आए थे और आखिर में अपनी दलीलों व पेश किए गए सबूतों के आधार पर उन्होंने अपनी क्लाइंट्स को बचा लिया था। साथ ही यह सोशल मैसेज भी दिया था कि महिला या लड़की की 'ना' का मतलब हमेशा ना ही होता है। अब महिला दिवस के दिन रिलीज हुई 'कहानी' फेम निर्देशक सुजॉय घोष की क्राइम थ्रिलर फिल्म 'बदला' में अमिताभ और तापसी फिर से साथ हैं। दिलचस्प यह है कि इस फिल्म में भी अमिताभ तापसी के वकील ही बने हैं और उन्हें एक जटिल केस से बचाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए हैं। यह मर्डर मिस्ट्री सस्पेंस व थ्रिल के गलियारों से गुजरती है और दर्शकों को अंत तक जोड़े रखती है। 'बदला' स्पैनिश मूवी 'द इनविजिबल गेस्ट' का ऑफिशियल हिन्दी रीमेक है, जिसके राइटर-डायरेक्टर ओरिओल पाउलो हैं।

सच क्या है!

इसकी कहानी में नैना सेठी (तापसी पन्नू) सक्सेस बिजनेस वुमन है। उस पर एक मर्डर का चार्ज है। मर्डर भी उस व्यक्ति का, जिसके साथ उसका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था। नैना मशहूर एडवोकेट बादल गुप्ता (अमिताभ बच्चन) को हायर करती है, ताकि वह इस केस से उसे छुटकारा दिला सके। बादल पूरी तैयारी के साथ केस लड़ने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि वह अपने 40 साल के कॅरियर में कोई केस नहीं हारा है। बादल केस की सच्चाई को समझने के लिए नैना के घर आता है और उससे पूछता है कि वास्तव में सच क्या है। इस दौरान वह कुछ ऐसे सवाल करता है, जिससे केस के पन्ने खुलने लगते हैं और नई-नई कहानियां सामने आने लगती हैं। परत दर परत इस मर्डर मिस्ट्री में कई ट्विस्ट आने लगते हैं।

एंगेजिंग स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन

सुजॉय घोष की क्राइम थ्रिलर जोनर पर अच्छी पकड़ है। 'बदला' को उन्होंने शिद्दत से प्रजेंट किया है। फिल्म की कहानी दमदार है। सुजॉय लिखित स्क्रीनप्ले एक्साइटिंग है। दृश्यों का अनुक्रम जबरदस्त है। 'बदला लेना हर बार सही नहीं होता, लेकिन माफ कर देना भी हर बार सही नहीं होता' जैसे डायलॉग्स इम्प्रेसिव हैं।

अमिताभ और तापसी की परफेक्ट ट्यूनिंग 

अमिताभ की एक्टिंग अच्छी है। वह जिस तरह से अपने क्लाइंट से सवाल करते हैं और उसे कुरदते हैं, वह काफी इंटरेस्टिंग है। 'पिंक', 'नाम शबाना', 'सूरमा', 'मुल्क' सरीखी फिल्मों अभिनय कौशल से दिल जीत चुकी तापसी ने 'बदला' में सहज परफॉर्मेंस दी है। उनके चरित्र में कई लेयर्स हैं। वह बाहर और भीतर से बिलकुल अलग है। कैरेक्टर के इस तरह के मनोभावों को उन्होंने उम्दा ढंग से जीया है। 'केदारनाथ' और 'सिम्बा' के बाद इन दिनों सारा अली खान की चर्चा है, मगर 'बदला' में सारा की मां अमृता सिंह ने ऐसी महिला की भूमिका अच्छे से निभाई है, जो अपने बेटे की हत्या का बदला लेना चाहती है। मलयालम फिल्मों में काम कर चुके एक्टर टोनी ल्यूक की यह बॉलीवुड में डेब्यू फिल्म है और वह अपने किरदार से ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहे हैं। छोटे से रोल में मानव कौल की अदाकारी ठीक है। थ्रिलर में बैकग्राउंड स्कोर काफी सपोर्ट करता है, जो कि स्टोरी के मूड के अनुसार है। इससे रोमांच बरकरार रहता है। फिल्म को मनोहारी लोकेशंस पर शूट किया गया है। अविक मुखोपाध्याय की सिनेमैटोग्राफी मनमोहक है, जबकि मोनिशा बल्दवा का संपादन पहले हाफ के कुछ सीन को छोड़कर परफेक्ट है।

इसलिए देखें : 'बदला' सिनेमाई कैनवास पर करीने और सलीके से सजाई फिल्म है, जिसमें आने वाले टर्निंग पॉइंट और ट्विस्ट्स हैरान कर देते हैं। क्लाइमैक्स चौंका देता है। क्राइम थ्रिलर पसंद करने वाले दर्शकों को यह 'बदला' लगेगा कमाल।

रेटिंग: ½