'अलीटा' देखने में एंजेल की तरह मोहक है, मगर कम्प्लीट एंटरटेनिंग नहीं है

  • डायरेक्शन : रॉबर्ट रॉड्रिग्ज
  • स्क्रीनप्ले : जेम्स कैमरून, लाइटा कालोग्रिडिस
  • म्यूजिक : टॉम होल्केनबोर्ग
  • सिनेमैटोग्राफी :  बिल पोप
  • एडिटिंग : स्टीफन ई. रिवकिन
  • स्टार कास्ट : रोजा सालाजर, क्रिस्टोफ वॉल्ट्ज, जेनिफर कॉनेली, माहेरशाला अली, एड स्क्रीन, जैकी अर्ले हैले, कीआन जॉनसन, इडारा विक्टर, जॉर्ज लेंडेबोर्ग जूनियर
  • रनिंग टाइम : 122 मिनट
हॉलीवुड फिल्म 'सिन सिटी' फेम डायरेक्टर रॉबर्ट रॉड्रिग्स अब साइबरपंक एक्शन मूवी 'अलीटा : बैटल एंजेल' लेकर आए हैं। इसे 'टाइटैनिक', 'अवतार' सरीखी लार्जर दैन लाइफ फिल्में बना चुके जेम्स कैमरून ने प्रोड्यूस किया है। यह साइ-फाइ फिल्म यूकितो किशिरो की जापानी कॉमिक्स सीरीज 'गनम' पर बेस्ड है। फिल्म में एक्शन सीक्वेंस वाकई में हैरान करने वाले हैं, लेकिन राइटिंग के लेवल पर फिल्म उतनी स्ट्रॉन्ग नहीं है, जिससे एंटरटेनमेंट की रिद्म प्रभावित होती है। कहानी भविष्य की पृष्ठभूमि पर है। आज से 544 साल बाद 2563 में आयरन सिटी बसी हुई है। वहीं स्काइ सिटी जोलेम भी है। दोनों के बीच ट्रैफिक प्रतिबंधित है। आयरन सिटी में मोटरबॉल रेस टूर्नामेंट होता है, जिसके फाइनल चैम्पियन को ही जोलेम भेजा जाता है। लिहाजा कई लोग जोलेम जाने की ख्वाहिश रखते हैं। आयरन सिटी में रहने वाले साइंटिस्ट डायसन इडो को 300 साल पहले हुए महायुद्ध के स्क्रैपयार्ड में हाफ-ह्यूमैन साइबोर्ग क्षतिग्रस्त अवस्था में मिलती है। वह उसको रिपेयर करके अस्तित्व में लाते हैं और इस यंग लड़की को अलीटा नाम देते हैं। जब उसे होश आता है, तो वह अपने अतीत के बारे में सब कुछ भूल चुकी होती है। इधर, आयरन सिटी में कुछ लोग उसे खत्म करने की कोशिश में लग जाते हैं। इसके बाद कहानी ट्विस्ट्स और टर्न्स के साथ आगे बढ़ती है।

टेक्नोलॉजी का जबरदस्त तड़का, लिखावट में भटकी

फिल्म का प्लॉट जटिल है। कहानी में रोमांच तो है, लेकिन स्क्रीनप्ले क्रिस्प नहीं है, जिससे बीच-बीच में तारतम्य टूटता रहता है। जेम्स कैमरून और लाइटा कालोग्रिडिस स्क्रीनप्ले को और एंगेजिंग व एक्साइटिंग बना सकते थे। वहीं स्लो स्पीड इरिटेट करती है। रॉबर्ट रॉड्रिग्ज का डायरेक्शन अच्छा है। उन्होंने टेक्नोलॉजी का जबरदस्त तड़का लगाते हुए कहानी को प्रजेंट किया है। एक्शन सीक्वेंस थ्रिलिंग हैं, जिन्हें स्टाइल और एक्साइटमेंट के साथ प्रस्तुत किया है। टाइटल रोल में रोजा सालाजर अच्छी लगी हैं। अलीटा के किरदार के दृढ़ निश्चय के भाव को उन्होंने बखूबी पर्दे पर उतारा है। अलीटा की बड़ी-बड़ी आंखें इम्प्रेसिव हैं। इडो के रोल में क्रिस्टोफ वॉल्ट्ज जमे हैं। उनके कैरेक्टर के वैरिएशन व इमोशंस छाप छोड़ते हैं। इडो की एक्स वाइफ चिरेन की भूमिका में जेनिफर कॉनेली ठीक हैं, वहीं अलीटा के बॉयफ्रेंड के रूप में किआन जॉनसन ओके हैं। अन्य कलाकारों की परफॉर्मेंस कामचलाऊ है। सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है। संपादन सुस्त है।

क्यों देखें : 'अलीटा' में एक्शन सीक्वेंस और विजुअल इफेक्ट्स काफी लुभावने हैं। मोटरबॉल गेम के सीक्वेंस भी जबरदस्त हैं। एक्टिंग परफॉर्मेंस ओके है, पर राइटिंग माइनस पॉइंट है। ऐसे में 'अलीटा' विजुअली अमेजिंग है, पर कम्प्लीट एंटरटेनिंग नहीं है।

रेटिंग: ½