'गली बॉय' की गली में एक बार तो जाना बनता है
- डायरेक्शन : जोया अख्तर
- राइटिंग : जोया, रीमा कागती
- डायलॉग्स : विजय मौर्य
- प्रोडक्शन : रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर, जोया अख्तर
- सिनेमैटोग्राफी : जय ओझा
- एडिटिंग : नितिन बैद
- स्टार कास्ट : रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, कल्कि कोएचलिन, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज, विजय वर्मा, अमृता सुभाष, शीबा चड्ढा
- रनिंग टाइम : 156 मिनट
'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा', 'दिल धड़कने दो' सरीखी फिल्मों का निर्देशन करके जोया अख्तर ने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई है। अब वह रैपर नैजी और डिवाइन की लाइफ से प्रेरित फिल्म 'गली बॉय' लेकर आई हैं। 'बाजीराव मस्तानी', 'पद्मावत', 'सिम्बा' जैसी फिल्मों से अपनी एनर्जेटिक परफॉर्मेंस से एंटरटेन करने वाले यंग सेंसेशन रणवीर सिंह इसमें 'गली बॉय' यानी स्ट्रीट रैपर के रोल में हैं। रैप कल्चर के इर्द-गिर्द घूमती इस फिल्म की कहानी मुंबई के धारावी में रहने वाले मुराद (रणवीर सिंह) की है। उसकेे पिता ड्राइवर हैं, जो चाहते हैं कि उनका बेटा पढ़-लिख कर अच्छी सी नौकरी पा ले। वहीं मुराद अपनी फीलिंग्स और आस-पास के माहौल को शब्दों में पिरोकर नोटबुक में लिखता रहता है। मुराद की एक गर्लफ्रेंड है सफीना (आलिया भट्ट), जो कि मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। उसके पिता डॉक्टर हैं। उसका मुराद के लिए प्यार अलग किस्म का है यानी वह उसको लेकर बहुत पजेसिव है। यहां तक कि एक लड़की को सिर्फ इसलिए फोड़ डालती है कि उसने मुराद को मैसेज भेजा था। इसी तरह एक लड़की के सिर पर बोतल भी मार देती है। इस बीच मुराद के पिता का पैर चोटिल हो जाता है और डॉक्टर उन्हें डेढ़ माह के आराम की सलाह देते हैं। ऐसे में मुराद के पिता जहां गाड़ी चलाते हैं, वहां पर अपने बेटे को ड्राइवर रखवा देते हैं। हालांकि इससे मुराद नाखुश है, लेकिन मजबूरी में ड्राइवरी करनी पड़ती है। इसी दौरान मुराद कॉलेज के एक इवेंट में रैपर एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) को परफॉर्मेंस देते देखता है। वह उससे इम्प्रेस हो जाता है और उससे मिलने जाता है। एमसी शेर की एंट्री के बाद उसकी लाइफ बदल जाती है। उसे अपने जीवन का लक्ष्य नजर आने लगता है।
इसलिए देखें : 'गली बॉय' यूथ को अपने सपने को जीने के लिए प्रेरित करती है। फिल्म के कलाकारों की परफॉर्मेंस बेहतरीन है। डायलॉग्स और वन लाइनर्स कैची हैं। ऐसे में अगर आपको रैप म्यूजिक पसंद है और आप रणवीर व आलिया के फैन हैं तो 'गली बॉय' को देखना तो बनता है।
रेटिंग: ★★★
आलिया और सिद्धांत हैं जबरदस्त
कहानी सरल सी है, मगर प्रेरक है। यूं तो स्क्रीनप्ले एंगेजिंग हैं, लेकिन उसे और कसावट के साथ प्रस्तुत किया जाता तो फिल्म बेहतर हो सकती थी। जोया अख्तर ने निर्देशकीय कमान बखूबी संभाली है। उन्होंने म्यूजिक के साथ प्रेरणादायक कहानी को अच्छी तरह गूंथ कर प्रजेंट किया है। फिल्म की अवधि और स्लो स्पीड जरूर अखरती है। फिल्म का गाना 'अपना टाइम आएगा' की तर्ज पर रणवीर का एक्टिंग में पहले से ही टाइम आया हुआ है। दर्शक उनकी फिल्मों को लगातार प्यार दे रहे हैं। इस फिल्म में सिंगिंग टैलेंट भी दिखाया है। आलिया हठेली, मुंहफट और पजेसिव गर्लफ्रेंड के रूप में दिल में बस जाती हैं। वहीं सिद्धांत चतुर्वेदी फिल्म के सरप्राइज हैंं। यह उनकी डेब्यू फिल्म है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने रैपर के एटीट्यूड, स्टाइल, स्वैग, बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशंस को शिद्दत से जीया है, वह वाकई में काबिलेतारीफ है। यहां तक कि वह और आलिया कई सीन में रणवीर पर भारी ही पड़े हैं। विजय राज ने खडूस पिता का रोल अच्छे ढंग से निभाया है। छोटे से किरदार में कल्कि कोएचलिन ने अच्छा काम किया है। सपोर्टिंग कास्ट में विजय वर्मा, शीबा चड्ढा व विजय मौर्य ने अच्छा साथ निभाया है। आज की जनरेशन रैप म्यूजिक की दीवानी है। इस वजह से फिल्म के गााने पहले से चार्टबस्टर्स में हैं और युवाओं को इन्हें गुनगुनाते हुए सुना जा सकता है। सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है। एडिटिंग टाइट हो सकती थी।इसलिए देखें : 'गली बॉय' यूथ को अपने सपने को जीने के लिए प्रेरित करती है। फिल्म के कलाकारों की परफॉर्मेंस बेहतरीन है। डायलॉग्स और वन लाइनर्स कैची हैं। ऐसे में अगर आपको रैप म्यूजिक पसंद है और आप रणवीर व आलिया के फैन हैं तो 'गली बॉय' को देखना तो बनता है।
रेटिंग: ★★★
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