'बाजार' में इन्वेस्ट करना घाटे का सौदा नहीं


  • डायरेक्शन : गौरव के. चावला
  • राइटिंग : परवेज शेख, असीम अरोड़ा
  • म्यूजिक : तनिष्क बागची, यो यो हनी सिंह, कनिका कपूर, सोहेल सेन, बिलाल सईद
  • सिनेमैटोग्राफी :  स्वप्निल एस. सोनावने
  • एडिटिंग : माहिर झावेरी, अर्जुन श्रीवास्तव
  • स्टार कास्ट : सैफ अली खान, रोहन मेहरा, चित्रांगदा सिंह, राधिका आप्टे, मनीष चौधरी, डेंजिल स्मिथ, सोनिया बलानी     कैमियो : एली एवरम
  • रनिंग टाइम : 140 मिनट
स्टॉक मार्केट की गणित समझना आसान नहीं है, जो शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ लेता है, वह इसका माहिर खिलाड़ी बन जाता है। लंबे समय से हिट फिल्म को तरस रहे सैफ अली खान ने अब खुद को 'बाजार' में दांव पर लगाया है। गौरव के. चावला निर्देशित फिल्म 'बाजार' में ड्रीम, पावर, बिजनेस, ग्रीड, फ्रॉड और मनी का खेल है। फिल्म से दिवंगत एक्टर विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा ने डेब्यू किया है। कहानी रिजवान अहमद (रोहन) से शुरू होती है, जो इलाहाबाद में स्टॉक ब्रोकर है। उसके ख्वाब बड़े हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए वह मुंबई आता है। यहां वह बिजनेस टायकून शकुन कोठारी (सैफ) के साथ काम करना चाहता है, जो शेयरों और कंपनियों की खरीद-फरोख्त से पैसा बनाने में माहिर है। यानी वह बाजार में जोड़-तोड़ का खिलाड़ी है। उसके लिए बस पैसा कमाना इम्पॉर्टेंट है। रिजवान ट्रेडिंग कंपनी में काम करने वाली प्रिया राय (राधिका) से मिलता है। वह भी उस कंपनी में स्टॉक ब्रोकर काम करने लगता है। फिर परिस्थितियां ऐसी बनती हैं, जो उसकी मुलाकात शकुन कोठारी से करवा देती है। इसके बाद शेयर बाजार की तरह कहानी में भी कई उतार-चढ़ाव आते हैं।

सैफ अली खान की आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस

फिल्म की स्टोरी इंटरेस्टिंग है, जिसमें स्टॉक मार्केट और उसके इर्द-गिर्द बनने व बिगडऩे वाले समीकरणों को रोचकता के साथ फिट किया है। स्क्रीनप्ले क्रिस्पी और एंगेजिंग है, जिससे उत्सकुता बनी रहती है कि आगे क्या होगा। पहला हाफ जबरदस्त है, पर दूसरा हाफ थोड़ा स्लो है। डायलॉग्स कैची हैं। गौरव चावला का डायरेक्शन तारीफ के काबिल है। अपनी पहली ही फिल्म में उन्होंने कुछ अलग सब्जेक्ट को दिलचस्प ढंग से ऑडियंस के सामने रखा है। फिल्म में सैफ अली खान की परफॉर्मेंस आउटस्टैंडिंग है। शकुन कोठारी के रोल में उनका एटीट्यूड, स्टाइल, एक्सप्रेशंस और डायलॉग्स में गुजराती टच सब कमाल के हैं। वहीं रोहन मेहरा पहली ही फिल्म में काफी कॉन्फिडेंट लगे हैं। राधिका आप्टे ने एक बार फिर इम्प्रेसिव काम कर अच्छी अदाकारा के अपने तमगे को बरकरार रखा है, लेकिन चित्रांगदा सिंह के लिए फिल्म में ज्यादा स्कोप नहीं था। म्यूजिक में मैजिक नहीं है। वहीं सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है। एडिटिंग स्टाइलिश है, लेकिन और टाइट किया जा सकता था।

क्यों देखें : फिल्म स्टॉक मार्केट और उससे जुड़े हथकंडों की रोमांचक कहानी है। हालांकि कुछ लूप होल्स हैं, पर कहानी स्टाइलिश तरीके से प्रजेंट की गई है। ग्रे शेड में सैफ अली खान की एक्टिंग जानदार है। ऐसे में 'बाजार' में निवेश करना घाटे का सौदा नहीं है।

रेटिंग: ½