प्यार की सोहबत में 'मनमर्जियां'
- डायरेक्शन : अनुराग कश्यप
- प्रोडक्शन : फैंटम फिल्म्स एंड कलर येलो प्रोडक्शंस
- स्टोरी, स्क्रीनप्ले एंड डायलॉग्स : कनिका ढिल्लों
- म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर : अमित त्रिवेदी
- सिनेमैटोग्राफी : सिल्वेस्टर फोन्सेका
- एडिटिंग : आरती बजाज
- स्टार कास्ट : अभिषेक बच्चन, तापसी पन्नू, विकी कौशल, अशनूर कौर, सौरभ सचदेव, विक्रम कोचर, पूनम शाह, प्रियंका शाह
- रनिंग टाइम : 155 मिनट
अनुराग कश्यप का नाम आते ही ब्लड, बुलेट और डार्क शेड्स वाली फिल्में दिमाग में आती हैं, लेकिन इस बार अनुराग लव ट्राइएंगल फिल्म 'मनमर्जियां' से जुदा अंदाज में सामने आए हैं। फिल्म की कहानी में नयापन तो नहीं है, पर उसका ट्रीटमेंट और प्रजेंटेशन थोड़ा अलग है, जिसमें प्यार के साथ फ्यार (जिस्मानी प्यार) को भी दर्शाया है। फिल्म अमृतसर निवासी रूमी (तापसी पन्नू) और विकी (विकी कौशल) की लव स्टोरी से शुरू होती है। विकी रूमी से फ्यार करने के लिए छतें टाप कर उसके घर आता रहता है, जिसके चर्चे पूरे मोहल्ले में है। एक दिन रूमी की चाची और दादाजी दोनों को कमरे में फ्यार करते पकड़ लेते हैं। इसके बाद रूमी के परिवार वाले उसके लिए रिश्ता देखना शुरू कर देते हैं। ऐसी सिचुएशन में रूमी परिवार को इस बात के लिए मना लेती है कि विकी पैरेंट्स को लेकर उसका हाथ मांगने आएगा, पर गैर-जिम्मेदार रवैये वाला विकी गच्चा दे जाता है। इधर, रूमी की शादी लंदन रिटर्न बैंकर रॉबी (अभिषेक बच्चन) से तय हो जाती है। इसके बाद शुरू होती है प्यार की सोहबत में मनमर्जियां...।
स्क्रीनप्ले एंगेजिंग, लेकिन फिल्म की रफ्तार धीमी है
कनिका ढिल्लों की लिखी कहानी तो सामान्य है, लेकिन स्क्रीनप्ले एंगेजिंग है। डायलॉग्स टिंडर जनरेशन को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं। अनुराग का निर्देशन अच्छा है। उन्होंने लव, लस्ट, कन्फ्यूजन, फ्रस्ट्रेशन आदि को फिल्म में पिरोया है और अपने कम्फर्ट जोन यानी डार्क क्राइम-थ्रिलर से बाहर निकलने की कोशिश की है। गीत-संगीत अच्छा है। गीतकार शैली गानों में शब्दों से खूबसूरती के साथ खेली हैं। फिल्म की कमजोर कड़ी है इसकी रफ्तार, जो कहीं न कहीं आॅडियंस के धैर्य की परीक्षा भी लेती है। फिल्म में रूमी दिलचस्प किरदार है, जिसे 'बेबी', 'पिंक', 'नाम शबाना', 'मुल्क' सरीखी फिल्मों में सशक्त अदाकारी दिखा चुकी तापसी पन्नू ने बेहद उम्दा ढंग से अदा किया है। विकी कौशल ने अपने किरदार के फंकी लुक पर काफी काम किया है। दो साल के गैप के बाद स्क्रीन पर लौटे अभिषेक बच्चन ने रॉबी की भूमिका में संयमित अभिनय किया है। अन्य सपोर्टिंग कास्ट का काम भी अच्छा है। लोकेशंस और सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है, लेकिन चुस्त संपादन की कमी अखरती है।टिंडर जनरेशन का इश्क
अनकन्वेंशनल रोमांटिक फिल्म में टिंडर जनरेशन का इश्क दिखाया है, जिसमें आपस में चोंच लड़ाते हैं और समझते हैं कि सच्ची मोहब्बत है, जो कि असल में कच्ची होती है। ऐसे में प्यार-फ्यार की परतों में लिपटी 'मनमर्जियां' देखने की बेझिझक कर सकते हैं गुस्ताखियां।रेटिंग: ★★★
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